sulekhnii@gmail.com गुरुर.. उलझने हैं भरी दिख रहा जुनून है सामने तू है नहीं लेकिन तू जरूर है याद है तेरी बस यादों का ही क़ुसूर है न जाने मुझको आज भी किस बात का गुरुर है... 5 सित॰ 2025
sulekhnii@gmail.com उम्र भर के लिए तुझे मैं अपने पास चाहता हूँ " जब कभी राहों पर अकेले निकलता हूँ तो अपने हाथों में तेरा हाथ चाहता हूँ उम्र भर के लिए तुझे मैं अपने पास चाहता हूँ "... 5 सित॰ 2025
sulekhnii@gmail.com "तेरी मोहब्बत का कोई पैगाम ना था" "तेरी मोहब्बत का कोई पैगाम न था हम भी तेरे ऐसे दीवाने थे जिसका कोई नाम न था"... 5 सित॰ 2025
sulekhnii@gmail.com कुछ तो बोल दिया होता "कुछ तो बोल दिया होता अरे कुछ तो तोल मटोल किया होता बस ऐसे ही... ये क्या चक्कर है भाई कम से कम सच तो बोल दिया होता"... 5 सित॰ 2025
sulekhnii@gmail.com अब हैं तो तुमको जलाते ही रहेंगे "अब हैं तो हम तुमको जलाते ही रहेंगे फिजाओं में गीत गाते ही रहेंगे यह ढंग तो हमने तुमसे ही सीखा है जब कभी भी हम तुमसे मिलेंगे मुस्कुराते ही मिलेंगे"... 4 सित॰ 2025
sulekhnii@gmail.com मंजिलें मंजिलें चाहे कितनी भी दूर क्यों ना हो सफर एक कर दूंगा तुझे पाने के लिए मैं इस दुनिया को भी छोड़ दूंगा... 2 सित॰ 2025
sulekhnii@gmail.com "हम तेरे पुराने दीवाने थे" " तेरी ज़िंदगी में भी बहुत सारे अफसाने थे तु सायद भूल गयी के हम तेरे पुराने दीवाने थे नज़र तो कभी हम तुमसे मिला ना सके लेकिन तुझे चाहते जरूर एक ज़माने से थे "... 1 सित॰ 2025